नमस्ते, दोस्तों आज के इस लेख में हमने आपको (Securities and Exchange Board of India- SEBI) के बारे में समझाया है की SEBI क्या है और यह stock market में क्या कार्य करता है. स्टॉक मार्किट में रेगुलेटर क्या होता है? स्टॉक मार्किट में रेगुलेटर क्यों जरुरी है? यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते है तो आपको अन्य किसी वेबसाइट या यूटूबे विडियो देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी..
Share Market क्या है?
दोस्तों यदि अप शेयर मार्किट के बारे में थोड़ा भी जानते है तो आपको पता होगा की कंपनी में इन्वेस्ट करने का ऐसा आप्शन है जहाँ महंगाई की कीमत से ज्यादा कंपनी return देने की छमता रखती है. अब सवाल ये उठता है की share market में इन्वेस्ट कैसे करे? लेकिन इसे भी ज्यादा जरुरी यह है की इक्विटी/कंपनी में इन्वेस्ट कौन-कौन से लोग करते है? यह सारा सिस्टम किस तरह से कार्य करता है?
Example-
जिस तरह से हम लोग नजदीक की किराना दूकान से अपनी जरूरत की चीजे खरीदते है, ठीक उसी तरह से हम इक्विटी में निवेश, खरीद-बिक्री, share market में करते है. इक्विटी में इन्वेस्ट करते समय ट्रांजेक्ट (transact) काफी बार सुना होगा इसका मतलब खरीद-बिक्री करना होता है. और इक्विटी की ये खरीद-बिक्री आप बिना स्टॉक मार्केट के नहीं कर सकते है.
स्टॉक मार्केट इक्विटी खरीदने वाले और बेचने वाले को मिलाता है. लेकिन ये स्टॉक मार्केट किसी दुकान या इमारत के रूप में नहीं दिखता, जैसा कि आपके किराने की दुकान दिखती हैं, लेकिन स्टॉक मार्केट पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रूप में होता है. आप कंप्यूटर के ज़रिए इस पर जाते हैं और वहाँ खरीद बिक्री का काम करते हैं.
एक बात का यहाँ ध्यान रखें कि ये शेयरों की खरीद-बिक्री का काम आप बिना स्टॉक ब्रोकर के नहीं कर सकते है. स्टॉक ब्रोकर एक रजिस्टर्ड दलाल होता है, जिसके बारे में हम आगे विस्तार से बताएंगे.. stock market regulator in hindi
भारत के मुख्य stock exchange कौन से है?
भारत के सबसे मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है- (Bombay Stock Exchange) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज – BSE, (National Stock Exchange) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज- NSE इसके अलावा कई स्टॉक एक्सचेंज है जैसे- बैंगलोर स्टॉक एक्सचेंज, मद्रास स्टॉक एक्सचेंज, क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज पर अब ना के बराबर लोग हिस्सा लेते हैं.
शेयर मार्किट में किस तरह के लोग हिस्सा लेते है उनको रेगुलेट करने की क्या जरुरत है?
शेयर मार्किट में एक व्यक्ति से लेकर बहुत सी कंपनी भी इन्वेस्ट करती है जो भी मार्किट में share को बेचता/खरीदता है उसे market participants कहा जाता है. इनको कई केटेगरी में बाँट दिया है. उनमे से कुछ केटेगरी को सरल भाषा में समझाया गया है. stock market regulator in hindi
- Domestic Ritail Participants– भारत में रहने बाले जैसे की आप और हम.
- NRI और OCI– जो लोग दूसरे देश में रहते है.
- Domestic Institutions– इसमें काफी बड़ी-बड़ी कंपनी आती है जैसे की LIC (Life Insurance Company of India)
- Asset Management Companies– इसमें SBI, DSP ब्लैक रॉक, फिडेलटी इन्वेस्टमेंट्स HDFC, AMC आदि घरेलु म्यूचुअल फंड कंपनी होती है.
- Foreign Institutional Investers- इसमें विदेश की कंपनिया और विदेश एसेट मैनेजमेंट कंपनिया, हेज फंड आदि.
इन्वेस्टर किसी भी केटेगरी का हो लेकिन वह share market में इन्वेस्ट करने के बाद प्रतेक कंपनी से मुनाफा कमाने की सोचते है. और पैसे के मामले में इंसान बहुत लालची और डरा हुआ होता है कोई भी व्यक्ति लालच और डर से कुछ भी गलत काम कर सकता है जैसे की share market में हर्षद मेहता ने बहुत बड़ा घोटाला किया था जिसके बारे में लोग अभी भी जानते है.
इसलिए मार्किट में इस तरह के घोटाले को रोकने के लिए नियम कानून बनाये जिससे सभी लोगों को पैसा कमाने का मौका मिले. इस तरह की स्थति के लिए रेगुलेटर की जरुरत पड़ती है. Share market में रेगुलेटर क्या होता है?
Share market में रेगुलेटर क्या होता है?
भारत में शेयर मार्किट की सिक्योरिटीज के लिए SEBI (The Securities and Exchange Board of India) रेगुलेटर है.
जिसको हम सब सेबी के नाम से भी जानते है इसका मुख्य उद्देश्य छोटे-छोटे investers की सुरक्षा करना है. दूसरे शब्दों में कहा जाये तो, ऐसे कई बड़े इन्वेस्टर/कंपनी बाले होते है जो अधिक मुनाफे के चक्कर में कोई बड़ा खेल खेल जाते है ऐसे में नय इन्वेस्टर और छोटी कंपनी वालों को पैसे कमाने का अबसर ख़त्म ना हो जाये.
SEBI के क्या कार्य है/ मुख्य कर्तव्य –
- NSE और BSE दोनों एक्सचेंज अपना काम सही ढंग से करे.
- स्टॉक ब्रोकर्स नियम को मान कर काम करे.
- शेयर मार्किट में जो भी कंपनी हिस्सा ले वह गलत काम ना करे.
- कोई भी कंपनी अपने फायदे के लिए share market के उपयोग ना करे.
- छोटे इन्वेस्टर की सुरक्षा हो.
- जिनके पास अधिक धन है, वह बड़े-बड़े इन्वेस्टर अपने हिसाब से मार्किट में हेरा फेरी ना करे.
- पूरे share market में अच्छा विकास हो.
- शेयर मार्किट में (खुदरा व्यापारी, बैंक, निवेशक, संस्थागत निवेशक) आदि के लिए नियम और विनियमों को स्थापित करना.
इन सभी उदेश्यों को ध्यान में रखते हुए ये बहुत जरुरी है की सभी कंपनी को रेगुलेट करे. BSE ने सभी एंटिटी के लिए अनेक प्रकार के नियम कानून बनाये है जिनके दायरे में रहकर काम करना होता है. निचे दिए गय फोटो की जानकारी को ध्यान से पढ़े-
इस अध्याय की ज़रूरी बातें
- अगर आपको शेयर खरीदना – बेचना है तो शेयर बाज़ार या स्टॉक मार्केट के ज़रिए करना होगा.
- शेयर मार्किट में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शेयर खरीदना और बेचना होता है और यह काम एक स्टॉक ब्रोकर के ज़रिए कर सकते हैं.
- 3. शेयर बाज़ार में कई भागीदार / खिलाड़ी होते हैं.
- शेयर बाज़ार में भाग लेने या ऑपरेट करने वाले सभी एंटिटी को रेगुलेट करना ज़रूरी है और सबको रेगुलेटर द्वारा बनाए गए नियमों को पालन करना होता है.
- SEBI – सेबी सिक्योरिटी बाज़ार का रेगुलेरटर है. वो नियम कानून बना कर शेयर बाज़ार में हिस्सा लेने वाले सभी एंटिटी को रेगुलेट करता है.
6.SEBI को share market में चलने बाले सभी गैर – कानूनी कार्य के बारे में पता रहता है और उनके खिलाफ एक्शन लिया जाता है.
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