नमस्ते, दस्तो आज के इस लेख में हमने आपको call put option in hindi, what is call and put option in hindi आदि के बारे में पूरी तरह समझाया है. यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते है तो किसी अन्य वेबसाइट या यूटूब पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सबसे पहले हम Call option को समझते है.
काल आप्शन कॉन्ट्रैक्ट में buyers को अधिकार है अंडरलाइंग स्टॉक की फिक्स क्वांटिटी फिक्स टाइम फिक्स कीमत पर खरीदें. आप्शन सेलर को यह दायित्व होता है कि वह अंडरलाइंग एसेट्स को फिक्स प्राइस पर फिक्स क्वांटिटी बेच और खरीद सकते है. लेकिन खरीददार को इस अधिकार को लेने के लिए एक प्रीमियम फीस चुकानी होती है. यह अमाउंट कॉन्ट्रैक्ट अमाउंट का ही हिस्सा होता है.
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जब भी ट्रेडर्स कॉल आप्शन खरीदता है वह सबसे पहले उस stock की कीमत को देखता है यदि उसे लगता है की भविष्य में इन stock की कीमत में तेजी होती है तो ही ट्रेडर कॉल आप्शन खरीदता है.
For example-
मान के चलिए की एक share की कीमत 200 रूपए है और 3 महीनो के बाद में इस share को 250 रूपए में खरीदने का अधिकार प्राप्त होता है आपको यह अधिकार मिलता है की कॉल आप्शन तब खरीदें जब मार्किट में share की कीमत 250 रूपए से अधिक हो.
इसक फायदा यह है की 3 महीने बाद share की कीमत 250 से अधिक भी होगी तब भी आपको वह share 250 रूपए में खरीदने का मौका मिलेगा. लेकिन कॉल आप्शन कॉन्ट्रैक्ट को चालू करने के लिए आपको 10 रूपए की फीस देनी होती है जो की बहुत कम है. यदि 3 महीने बाद share की कीमत 300 रूपए भी हो जाती है तो आपको अधिकार को उपयोग करते हुए वह share 250 रूपए में खरीद सकते है.
Share की कीमत कम हो जाने पर क्या होगा | Call Put Option in Hindi
यदि share कीमत 200 रूपए से निचे चली जाती है तो ऐसे में आपके पास नुक्सान को सिमित रखते हुए कॉन्ट्रैक्ट से बहार निकलने का अधिकार होता है.
यहाँ पर आपको केवल प्रीमियम अमाउंट का ही नुकसान होगा.
लेकिन, बेचने बाले के पास ऐसा कुछ अधिकार नही होता है की वह कॉन्ट्रैक्ट से बाहर निकल सके.
वह एक ही उम्मीद में है की share की कीमत या तो 200 रूपए रह या और कम हो जाए जिससे उसे कुछ फायदा हो.
कॉल या पुट खरीदना बेहतर है?
यदि आपका सवाल यह है की हमे कॉल या पुट किसमें ट्रेड करना बेहतर होगा. यदि आपके पास पुट ट्रेड के लिए पैसा है तो आप पुट में भी ट्रेड कर सकते है क्योकि इसमें काफी प्रॉफिट होता है. यदि आपके पास पैसे कम है तो कॉल का ट्रेड ले सकते है इसमें आपको काफी मार्जिन मिल जाता है. लेकिन आपको सबसे ज्यादा बढ़े टारगेट और ट्रेड पुट में ही देखने को मिलेंगे. पुट में आपको 200,300,400 पॉइंट तक मार्किट कुछ ही समय में गिर जाता है और प्रीमियम 2,4 गुना बढ़ जाता है जिसकी बजह से पुट बालो को काफी ज्यादा फायदा होता है.
पुट ऑप्शन की बात करते हैं | Call Put Option in Hindi
अब Put option की बात करते है जो बिलकुल call option के विपरीत है. Call Option and Put option में काफी बढ़ा अंतर है Call Option में बेचने बाले share की कीमत को बढ़ने की उम्मीद करते है और Put Option में share को खरीदने बाले कीमत को कम होने की उम्मीद करते है. और put option को बेचने बाले कॉन्ट्रैक्ट को ख़त्म हो या फिर share की कीमत कम हो या अधिक बढे इसका अनुमान लगाते है.
जो पार्टी प्रीमियम अमाउंट का भुगतान करती है वह Buyer होते है और जो प्रीमियम लेती है वह Seller होते हैं.
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For example-
Put Option का मतलब होता है की आप share की कीमत गिरने का अनुमान लागा रह है और Under lying asset (निफ्टी, बैंकनिफ्टी और शेयर) की कीमत में गिराबट होगी. जब भी आपको मार्किट में share की कीमत में मंदी होती हुई दिखाई दे तभी आपको निफ्टी, शेयर या फिर बैंकनिफ्टी का पुट खरीदना चाहिए.
For example-
Call Put Option in Hindi
जब मान लीजिये अभी किसी share की कीमत 200 रूपए है और आपका अनुमान से इसकी कीमत 150 तक जा सकती है. ऐसे में आप put option को खरीद लेते है तो जैसे-जैसे share की कीमत कम होती रहगी ठीक वैसे ही आपके put की कीमत बढती जायेगी और आपको अच्छा मुनाफा होगा.
यदि आप Put Option को बेचना चाहते है तो जरुर मार्केट या underlying asset की कीमतों में तेजी देखने का अनुमान लगा रह है. पुट आप्शन का मतलब है की आप share की कीमत में तेजी देख रह है. यदि किसी share की कीमत 300 रूपए है और वह 350 रूपए तक जा सकती है ऐसे में पुट आप्शन को बेच सकते है. जिस तरह से share की कीमत बढेगी उसी तरह पुट आप्शन की कीमत गिरती जाएगी जो आपको प्रीमियम के रूप में मिलेगी.
- जब भी आपको लगता है की अंडरलाइंग की कीमत में बढ़ोतरी होने बाली है तो कॉल ऑप्शन को खरीदना एक बेहतरिन बिकल्प है.
- जाब भी share की कीमत स्थिर रहती है या फिर किमत कम हो जाती है तो ऐसे में कॉल ऑप्शन के buyers को नुकसान होता है.
- जो भी कॉल ऑप्शन के खरीदार होते है उनको सिर्फ उतनी ही कीमत ना नुक्सान होता है जितना उनका प्रीमियम (एग्रीमेंट फीस) होती है कॉल वो ऑप्शन के राइटर/बेचने वाले को दिया जाता है.
Option में इनके बारे में भी जाना ले – Call Put Option In Hindi
- स्ट्राइक प्राइस/कीमत
- अंडरलाइंग कीमत
- ऑप्शन एक्सपायरी
- ऑप्शन प्रीमियम
- ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट और एक्सरसाइज
स्ट्राइक प्राइस/कीमत
स्ट्राइक प्राइस क्या होता है इसे भी जान लेते है – ऑप्शन का स्ट्राइक प्राइस एक निश्चित मूल्य को दर्शाता है जिस पर एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को पूरा किया जाता है. आप्शन buyers के लिए, उस स्ट्राइक प्राइस को निर्धारित करते है जिस प्राइस से भविष्य में underlying securities को बेच और खरीद सकते है.
मान लीजिये यदि इस समय 15200 की कीमत पर चल रही है तो निफ्टी को दूसरे अलग-अलग कीमत पर कॉल/पुट को खरीद और बेच भी सकते है यदि आप चाहे तो इस समय निफ्टी पर चल रही कीमत पर 15200 का कॉल आप्शन या पुट आप्शन खरीद और बेच भी सकते है.
या फिर इससे ऊपर स्ट्राइक प्राइस 15300, 15400 पर कॉल या पुट को खरीद या फिर बेच सकते है आप अपनी मर्जी किसी भी स्ट्राइक प्राइस पर बेच सकते है.
Under Laying Prize | ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं
आपके यह (निफ्टी, शेयर और बैंकनिफ्टी) underlying में से पसंद करते है उनके आज के दिन मार्किट मे चलने बाले प्राइस को underlying प्राइस कहते है. सरल भाषा में इसका यह मतलब होता है की आपने जो भी निफ्टी, बैंकनिफ्टी या शेयर को underlying कॉन्ट्रैक्ट के लिए चुना है उसकी मार्किट में चल रही प्राइस को underlying प्राइस कहते है.
शेयर मार्केट में एक्सपायरी क्या होती है
आप्शन एक्सपायरी के बारे में जाने – आपने जिस भी आप्शन को ख़रीदा/बेचा है उस आप्शन कॉन्ट्रैक्ट की अंतिम तारिक को दिखाता है मतलब की उस कॉन्ट्रैक्ट की अवधि पूरी हो चुकी है. यह हमारे भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में, प्रतेक महीने के आखरी गुरुवार को एक्सपायरी होता है. आप weekly और monthly दोनों में से किसी भी आप्शन एक्सपायरी को चुन सकते है. आप्शन का एक्सपायरी अवधि 3 महीने या फिर एक week होता है.
आप्शन प्रीमियम क्या है?
आप्शन प्रीमियम का मतलब होता है की आप्शन खरीदने बाला आप्शन बेचने बाले को भुगतान करता है. उस भुकतान के बदले में आप्शन खरीदने बाले ये अधिकार मिलता है की वह तय की गई एक्सपायरी के दिन वो अपने कॉल और पुट आप्शन को exercise करना चाहे तो कर सकते है.
Exercies का मतलब जान लेते है- जो कॉल और पुट को खरीदने बाले buyer कॉन्ट्रैक्ट की गई स्ट्राइक प्राइज की कीमत से शेयर, निफ्टी, बैंकनिफ्टी आदि Under lying Asset खरीद सकता है जब भी उसे अच्छा मुनाफा होगा तभी कॉल आप्शन खरीदने बाला exerices करेगा.
Option Contract को Exercise करना क्या होता है?
मान लीजिये आपने sbi का शेयर कॉल 400 रूपए की कीमत पर लिया है और वह एक्सपायरी के दिन 450 का चल रहा है तो उसे Exercise करेंगे. यदि उस शेयर का प्राइस 400 से निचे चल रहा है तो उसे क्यों खरीदेंगे यह होता है Option Exercise.
इसी तरह आपने पुट ख़रीदा हो तो उसे Exercise करने का सही समय Under Laying Asset की कीमत में गिरावट हो. क्योकि पुट आप्शन की कीमत तो तभी बढेगी जब Under Laying Asset (शेयर, निफ्टी और बैंक निफ्टी) में अच्छी गिरावट आती हो.
कॉल और पुट क्या होता है?
Call Put Option में काफी बढ़ा अंतर है Call Option में बेचने बाले share की कीमत को बढ़ने की उम्मीद करते है और Put Option में share को खरीदने बाले कीमत को कम होने की उम्मीद करते है.
स्ट्राइक प्राइस क्या है?
जब आप किसी स्पेशल स्टॉक को खरीदने या फिर बेचने को सहमति करते है जैसे- यदि किसी शेयर की कीमत 1220 है और आप उस शेयर की कीमत में 5% बढ़ने की उम्मीद कर रह है तो ऐसे में आपको 1220 या फिर 1240 के स्ट्राइक कीमत के साथ एक HUVR कॉल आप्शन को खरीदने की जरूरत होगी.
Under Laying Prize क्या है?
Call Put Option in Hindi- सरल भाषा में इसका यह मतलब होता है की आपने जो भी निफ्टी, बैंकनिफ्टी या शेयर को underlying कॉन्ट्रैक्ट के लिए चुना है उसकी मार्किट में चल रही प्राइस को underlying प्राइस कहते है..
Call Put Option में किन चीजों को जानना जरुरी है?
Call Put Option In Hindi, Option में इनके बारे में भी जाना ले –
स्ट्राइक प्राइस/कीमत
अंडरलाइंग कीमत
ऑप्शन एक्सपायरी
ऑप्शन प्रीमियम
ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट और एक्सरसाइज
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