स्केलिंग क्या है | Scalping Trading Strategy In Hindi

ट्रेडिंग की दुनिया में व्यापारियों द्वारा अपने मुनाफे को बढ़ाने और जोखिमों को कम करने के लिए विभिन्न रणनीतियों का उपयोग किया जाता है। इन्हीं में से एक स्ट्रेटजी स्केलिंग भी है। या स्ट्रैटेजी व्यापारियों को त्वरित लाभ प्रदान करते हैं इसीलिए ट्रेडर्स scalping trading strategy in hindi को विस्तार पूर्वक समझना चाहते हैं।

इसलिए आज काया लेखन उन्हीं ट्रेडर्स के लिए लेकर आए हैं जो scalping trading strategy in hindi से संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। इस लेख में हम Scalping Trading के अलग-अलग टेक्निक्स के बारे में समझेंगे।

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स्केलिंग क्या है?

Scalping एक Trading Strategy है, जहां ट्रेडर्स छोटे मूल्य परिवर्तनों से पैसा बनाने के लिए बार-बार शेयरों की खरीद बिक्री करते हैं। वे स्टोर क्या मुद्राओं जैसी वित्तीय संपत्तियों को कम समय में खरीदते और बेचते हैं जैसे बस कुछ सेकंड या कुछ मिनट में। उनका लक्ष्य छोटे मूल्य अंतर का लाभ उठाना है और बड़ी संख्या में पेड़ों से लाभ कमाना है।

Scalping Strategy के प्रमुख घटक

Scalping Strategy को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए व्यापारियों को निम्नलिखित घटकों पर विचार करना चाहिए जो कि इस प्रकार है –

  1. समय सीमा

Scalping Trading करने वाले लोग जिन्हें हम Scalpers के नाम से जानते हैं आमतौर पर 1 मिनट 5 मिनट या 15 मिनट के चार्ट जैसे कम समय सीमा पर काम करते हैं। यह छोटी समय सीमा उन्हें Short time Frames की पहचान करने और उनका लाभ उठाने की अनुमति देती है।

  • Indicators

Technical indicatorsScalping Strategy में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और Scalpers को प्रवेश बिंदु और निकास बिंदुओं की पहचान करने में सहायता करते हैं। Scalpers द्वारा उपयोग किए जाने वाले कुछ लोकप्रिय Indicators में Moving average, Bolinger Bands और stochastic oscillatorsशामिल है।

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  • प्रवेश और निकास बिंदु

Scalpers का उद्देश्य छोटे मुनाफे कमाने के लिए ट्रेड में तेजी से प्रवेश करना और बाहर निकलना है। व Price Pattern, Support और Resistence के आधार पर प्रवेश और निकास बिंदुओं की पहचान करने के लिए Technical Analysis और Indicators पर भरोसा करते हैं।

  • रिस्क मैनेजमेंट

ट्रेनों की उच्च मात्रा के कारण स्केलिंग में प्रभावी Risk Management भी आवश्यक है। Scalpers संभावित नुकसान को सीमित करने और प्रत्येक व्यापार के लिए पूर्व निर्धारित जोखिम इमा इनाम अनुपात का पालन करने के लिए Stoploss Order का प्रबंध करते हैं।

स्काल्पिंग स्ट्रेटजी कौन-कौन सी है | Scalping trading Strategy in Hindi

Scalpers अपनी ट्रेडिंग प्राथमिकताओं और मार्केट कंडीशन के आधार पर विभिन्न Scalping Strategy का इस्तेमाल करते हैं। यहां पर कुछ 4 लोकप्रिय Scaling technic इस प्रकार है -:

  1. 1मिनट Scalping

जैसा कि नाम से पता चलता है इस स्ट्रेटजी में 1 मिनट की समय सीमा के भीतर ट्रेड को exicute किया जाता है। Traders Short Term Price Movement की निगरानी करते हैं और सटीक प्रवेश और निकास बिंदुओं के लिए टेक्निकल इंडिकेटर का उपयोग करते हैं।

  • Fibonacci Scalping

इस Strategyमें ScalpersSupport और Resistance level को खोजने के लिए Fibonacci retracement levels का उपयोग करते हैं। इन स्तरों के संबंध में कीमतें कैसे चलती है, इसका अध्ययन करके वे अपने व्यापारिक निर्णय लेते हैं।

  • रेंज स्केलिंग

इस Strategy का उपयोग करने वाले Scalpers विशेष मूल्य सीमाओं के भीतर व्यापार पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इन Range में Support और Resistance के अस्पष्ट स्तर है। Scalpers अपना लाभ कमाने के लिए इन सीमाओं के भीतर कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाते हैं।

  • ब्रेकआउट स्कालपिंग

ब्रेकआउट स्केलिंग में चार्ट पेटर्न की पहचान करना शामिल है जैसे त्रिकोण या आयत और ट्रेनों में प्रवेश करना जब कीमत इन पैटरनो से बाहर हो जाती है। Scalpers ब्रेकआउट द्वारा होने वाले मोमेंटम से लाभ उठाते हैं।

Scalping Strategy का अलग-अलग बाजारों में उपयोग

Scalping TradingStrategy को विभिन्न फाइनेंशियल मार्केट में लागू किया जा सकता है जिनमें शामिल है

  1. फॉरेक्स मार्केट

फॉरेक्स मार्केट अपनी उच्च तरलता और 24 घंटे ट्रेडिंग घंटों के कारण Scalping Trading के लिए सबसे लोकप्रिय बाजारों में से एक है। इस मार्केट में टाइट स्प्रेड वाले करेंसी जोड़े का ट्रेडिंग ज्यादातर Scalpers द्वारा ही किया जाता है।

  • स्टॉक मार्केट

स्टॉक मार्केट में Scalping Trading को Indivisual Stock Exchange Traded fund पर लागू किया जा सकता है। स्काल्पर्स High trading volume और अस्थिरता वाले शेयरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

  • फ्यूचर मार्केट

फ्यूचर मार्केट में स्काल्पर्स इक्विटी इंडेक्स फ्यूचर्स कमोडिटी फ्यूचर्स या करंसी फ्यूचर्स जैसे अनुबंधों का व्यापार करते हैं। इन Derivative instruments में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स

Scalping trading Strategy के लिए कुछ टिप्स

एक सही Scalping trading Strategy का इस्तेमाल करने के लिए आपको कुछ Technical skills की आवश्यकता हो सकती है। इसके लिए हमने यहां पर कुछ आवश्यक सुझाव दिए हैं –

  • Unexpected adverse price movement से बचने के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर लागू करना Scalping Trading में महत्वपूर्ण है।
  • Scalpersको सावधानीपूर्वक अपने रिस्क को मैनेज करना चाहिए। इसमें प्रति ट्रेड अधिकतम एक्सेप्टेबल लॉस का निर्धारण करना Appropriate Position का उपयोग करना और अपने ट्रेडिंग पोर्टफोलियो में विविधता लाना शामिल है।
  • Scalpers को सही प्राइस मोमेंट और बाजार की स्थिति पर विचार करते हुए प्रत्येक ट्रेड के लिए लाभ का कुछ टारगेट सेट करना चाहिए। लगातार छोटे-छोटे लाभ लेना समय के साथ-साथ महत्वपूर्ण लाभ में जमा हो सकता है।
  • Scalpers को अपने पूर्व निर्धारित ट्रेडिंग Strategy का पालन करना चाहिए और आवेगी निर्णय लेने से बचना चाहिए।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने जाना कि Scalping Trading Strategy in hindi? साथ ही हमने अलग-अलग मार्केट में Scalping Trading Strategy के उपयोग को भी समझा।

यदि आप Scalping Trading के बारे में कुछ अन्य जानकारियां पाना चाहते हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अन्य लोगों के साथ भी साझा करें।

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