IPO से लाखो कैसे कमाए | What is IPO in Share Market in Hindi

दोस्तों, हमने इससे पहले लेख में पढ़ा की कंपनी को IPO की क्यों जरुरत होती है, What is IPO in share market in Hindi, और कंपनी किस तरह से अपने बिज़नेस आईडिया को कंपनी में परिवर्तन करने के लिए IPO की किस तरह से मदद मिलती है, किस तरह से कंपनी को बढ़ाने के लिए फंड्स को जोड़ा जाता है. आईपीओ कैसे काम करता है? IPO लाने के लिए किन-किन समस्याओं का सामना करना होता है.

Note- यदि आप IPO के बारे में पूरी तरह जानकारी लेना चाहते है तो उसके लिए आपको  पार्ट 1,2,3, को पढना होगा और यह पार्ट 2 है ..

Part 1. – What is IPO in share market in Hindi

Part 2 – What is IPO in share market in Hindi

Part 3 – What is IPO in share market in Hindi

यह जानना काफी जरुरी है क्योकि IPO मार्किट में कुछ ऐसी कंपनिया भी आती है जिन्होंने कभी IPO से पहले कहीं और से पैसा नहीं लिया होता है. IPO के पहले अच्छे VC, PE फंड या और कुछ बड़े निवेशकों से पैसे जुटा चुकी कंपनियों के प्रमोटर और बिजनेस के बारे में ज्यादा जानकारी मिल जाती है इसलिए उन पर कुछ अधिक भरोसा किया जा सकता है.

कंपनियां पब्लिक से पैसा क्यों जुटाती हैं | What is IPO in Share Market in Hindi

इससे पहले लेख में हमने यह जाना की प्रमोटर कंपनी को बढ़ाने के लिए पब्लिक से पैसा कैसे जुटाती है. IPO का रास्ता क्यों चुना जाता है? जब भी कंपनी IPO के बारे में सोचती है तो वह बिज़नेस को अधिक बढ़ाने के लिए कैपेक्स जुटाने की सोचती है.

इसमें कंपनी को 3 अच्छे फायेदे होते हैं :

  1. कंपनी के कैपेक्स के लिए अधिक फण्ड मिल जाता हैं.
  2. कंपनी कर्ज के बोझ से बच जाती है, क़र्ज़ पर ब्याज ना देने पर कंपनी को अच्छा मुनाफा होता है.
  3. जब भी आप कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो कंपनी के प्रमोटर के साथ-साथ आप भी रिस्क में हिस्सेदार बन जाते हैं. और यह आपके शेयर्स पर निर्भर करता है की आप कितने शेयर्स के मालिक है लेकिन प्रमोटर अपने रिस्क को बहुत सारे लोगों में बाँट देता है जिससे उसके साथ में सभी को नुक्सान या फायदा हो.
  4. IPO के माध्यम से कई तरह से पैसा जुटाने के फायदे है.

कंपनी से जुड़े पुराने इन्वेस्टरो को अपना किया गया investment  निकालने का मौका मिल जाता है:

IPO के बाद जब कंपनी लिस्ट हो जाती है तब कोई भी उन शेयर्स को खरीद और बेच सकता है. इससे कंपनी के प्रमोटर, ऐंजल इन्वेस्टर, वेंचर कैपिटलिस्ट, PE फंड आदि यह सभी शेयर्स को बेच सकते है. (what is ipo in share market in hindi) इसी तरह सुरुआत में इन्वेस्ट करके अच्छा मुनाफा कमा लेते है.

कंपनी के कर्मचारियों को पुरस्कार:

जो लोग पहले से ही कंपनी में काम कर कर्मचारि है उनको शेयर्स एलॉट भी हो सकते है एलॉट का मतलब- (उनको शेयर्स खरीदने की अनुमति नहीं है) वह कंपनी जब भी अपने कर्मचारियों को शेयर्स देती है तो समझौते को एम्पलाइज स्टॉक आप्शन (Employee Stock Option) कहा जाता है.

कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को ये शेयर डिस्काउंट में मिलते है. इसके बाद जब कंपनी IPO के बाद लिस्ट होती है. इतना सब कुछ हो जाने के बाद कर्मचारियों को शेयर की कीमत बढ़ने से अधिक मुनाफा होता है. गूगल, फेसबुक, ट्विटर और इन्फोसिस आदि सभी कंपनियो के कर्मचारी स्टॉक आप्शन का फायदा उठा चुके है.

कंपनी का नाम बढ़ता है:

जो भी कंपनी एक बार पब्लिक लिस्टिंग हो जाती है उसके बाद उस कंपनी का नाम बढ़ जाता है और साथ ही उस कंपनी के शेयर्स में public की भी हिस्सेदारी हो जाती है जिससे हम उस कंपनी के share को बेच और खरीद सकते है. तो अब पिछले लेख की कहानी पर वापस जाते हैं और आगे बढ़ाते हैं. (what is ipo in share market in hindi)

कंपनी को कैपेक्स के लिए 200 करोड़ की जरूरत थी और मैनेजमेंट ने अपने खुद के स्त्रोतों से और IPO के जरिए इस रकम को जुटाने का फैसला किया था. याद रह कि कंपनी के पास ऑथराइज्ड कैपिटल का 16% हिस्सा यानी 800,000 शेयर अभी भी सेफ हैं जो किसी को एलॉट नहीं हैं.

इन शेयरों की कीमत लगभग 64 करोड़ ऑकी गई थी जब PE फर्म ने इन्वेस्ट किया था तब से PE फर्म के इन्वेस्ट के बाद से कंपनी को काफी मुनाफा हुआ और अभी भी थोड़ा भरोसा कर सकते की इन शेयरों की कीमत और ज्यादा बढ़ी होगी. मान लीजिये कि इन 16 % शेयरों की कीमत अब 125 से 150 करोड़ के बीच कहीं है.

यानी हर एक शेयर की कीमत 1562 से 1875 के बीच (125 करोड़ / 8 लाख) तो अब अगर कंपनी इन 16 % यानी 8 लाख शेयरों को पब्लिक को बेचती है तो उसे 125 से 150 करोड़ के आसपास रकम मिलेगी. बाकी की रकम उसे अपने से स्रोतों जुटानी होगी. जाहिर सी बात है कि कंपनी चाहेगी कि उसे ज्यादा से ज्यादा पैसे शेयर बेच कर मिलें.

Call Put Option in Hindi

मार्किट के Up और Down दोनों में मुनाफा 

मर्चेंट बैंकर | Merchant Banker :

जब IPO लाने का फैसला होता है तो उसके बाद कंपनी को बहुत से काम करने होते है जिससे अधिक पैसा मिले. सबसे पहला और जरुरी काम है merchant banker की नियुक्ति. मर्चेंट बैंकर को Book Running Lead Manager कहते हैं. जिनका मुख्य काम कंपनी को उसके IPO में मदद करना होता है. जैसे :

  1. कंपनी का ड्यू डिलिजेंस करना और ड्यू डिलिजेंस सर्टिफिकेट देना. साथ ही ये भी देखते है की कंपनी ने कानून के सभी नियम का पालन किया है या नहीं !
  2. कंपनी के साथ मिल कर ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (Draft Red Herring Prospectus – DRHP) समेत सभी लिस्टिंग डॉक्यूमेंट तैयार करना. इसके बारे में हम बाद में विस्तार से चर्चा करेंगे. शेयर अंडरराइट करना. इसका सीधा मतलब ये होता है कि मर्चेंट बैंकर ने IPO के सभी या कुछ शेयर कंपनी से खरीदने और बाद में उसे पब्लिक को बेचने का समझौता कर लिया है.
  3. IPO में कंपनी के शेयर की प्राइस बैंड को तय करने में काफी मदद करता है. प्राइस बैंड का सीधा मतलब ये होता है की शेयर की नीचे और ऊपर के कीमत की वो सीमा जिसके बीच की किसी कीमत पर शेयर बेचे जाएंगे. हमारी कहानी के उदाहरण में प्राइस बैंड 1562 – से 1875 है.
  1. कंपनी को उसके रोड शो में मदद करना होता है रोड शो कंपनी के IPO के प्रमोशन और मार्केटिंग को कहते हैं. मार्केटिंग की पूरी जिम्मेदारी लीड मैनेजर की होती है.
  2. IPO के लिए दूसरे इन्टरमीडियरीज जैसे रजिस्ट्रार, बैंकर, विज्ञापन एजेंसी आदि की नियुक्ति करना. मर्चेंट बैंकर के साथ आने के बाद कंपनी IPO का काम शुरू करती है.

IPO से जुड़े हुए कार्य:

IPO में हमारे दोवारा उठाया गया हर कदम सेबी के नियम के अनुसार चलना होता है. और ये सभी कदम step by step में उठाए जाते हैं:  (what is ipo in share market in hindi)

  1. मर्चेंट बैंकर की नियुक्ति. बड़े पब्लिक इश्यू में एक से ज्यादा मर्चेंट बैंकर हो सकते हैं.
  2. सेबी को एक रजिस्ट्रेशन स्टेटमेंट के साथ-साथ एप्लीकेशन देना होता है. रजिस्ट्रेशन स्टेटमेंट में ये सभी बात बतानी होती है की कंपनी क्या करती है, उसको IPO लाने की क्या बजह है? कंपनी की वित्तीय स्थिति क्या है.
  3. SEBI से IPO की मंजूरी लेनी होती है, रजिस्ट्रेशन स्टेटमेंट मिलने के बाद सेबी फैसला करती है कि मंजूरी देनी है या नहीं!
  4. DRHP- इश्यू को शुरूआती मंजूरी मिलने के बाद कंपनी को अपना DRHP यानी ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस तैयार कर के साथ भी शेयर किया जाता है, और DRHP में निचे दी गई जो जानकारी होना जरुरी है :
  1. IPO का साइज कितना बड़ा होगा.
  2. कितने शेयर जारी हो रहे हैं.
  3. कंपनी इश्यू क्यों ला रही है और उससे जुटाए गए इन सभी पैसों का क्या उपयोग होगा.
  4. कंपनी के बिज़नेस की पूरी जानकारी.
  5. सभी फाइनेंसियल दस्तावेज
  6. मैनेजमेंट का नजरिया से करोबार कैसा रहने वाला है.
  7. बिजनेस से जुड़े सभी रिस्क
  8. मैनेजमेंट से जुड़े लोगों की पूरी जानकारी.
  • IPO की मार्केटिंग (Market the IPO) – कंपनी के IPO से जुड़े विज्ञापन को चलाते रहना है जिससे लोगों को IPO के बारे में अधिक जानकारी हो और इस काम को ही रोड शो भी कहते हैं.
  • प्राइस बैंड तय करना– कंपनी market की उम्मीद से ज्यादा अलग प्राइस बैंड नहीं बना सकती है बरना लोग इसे सब्सक्राइब नहीं करेंगे.
  • बुक बिल्डिंग (Book Building) – जब रोड शो पूरा हो जाता है तब प्राइस बैंड तय होने जाने के बाद कंपनी को आधिकारिक तौर पर कुछ दिनों के लिए शेयर का सब्सक्रिप्शन खोलना होता है जिससे लोग इश्यू में पैसे लगा सकें.

मान के चलिए की प्राइस बैंड 100 से 120 का है तो ऐसे में बुक बिल्डिंग से पता चलता है की ट्रेडर किस कीमत पर पैसे लगा रहे हैं और उनको कौन सी कीमत सही लगती है इस तरह की जानकरी को जमा करना ही बुक बिल्डिंग कहा जाता है. इससे सही कीमत का अंदाजा लगा सकते है. what is ipo in share market in hindi

  • क्लोजर (closure) – बुक बिल्डिंग पूरा हो जाने के बाद शेयर की लिस्टिंग कीमत तय की जाती है. ये वो कीमत होती है जिस पर काफी ज्यादा एप्लीकेशन आई हों.
  • लिस्टिंग डे (Listing Day) – इस दिन कंपनी का शेयर एक्सचेंज पर लिस्ट होता है. लिस्टिंग कीमत उस दिन शेयर की माँग और सप्लाई के आधार पर तय होती है. इसके बाद शेयर अपने कट ऑफ कीमत से प्रीमियम, पार या डिस्काउंट पर लिस्ट होता है.

लोगों के दोवारा पूछे गय सवाल –

आईपीओ लेने से क्या फायदा होता है?

जब भी कंपनी ipo में लिस्टेड हो जाती है तो उन शेयर्स कोई कोई भी खरीद या बेच सकता है. जो लोग पहले से ही कंपनी में काम कर कर्मचारि है उनको शेयर्स एलॉट भी हो सकते है एलॉट का मतलब- (उनको शेयर्स खरीदने की अनुमति नहीं है) वह कंपनी जब भी अपने कर्मचारियों को शेयर्स देती है तो समझौते को एम्पलाइज स्टॉक आप्शन (Employee Stock Option) कहा जाता है.

Mamaearth का IPO

Mamaearth stock market ब्यूटी और स्किनकेयर प्रोडक्ट्स बनाने वाली स्टार्टअप Mamaearth IPO लाने की तैयारी में है माना जा रहा है कि इस IPO के जरिए कंपनी 300 मिलियन डॉलर जुटा सकती है . Mamaearth IPO के जरिए 3 बिलियन डॉलर का वैल्यूएशन का अनुमान लेकर चल रही है . कंपनी अगले साल 2023 में आईपीओ ( IPO ) लाना चाह रही है.

Sharing Is Caring:

Leave a comment