Share Holding Period Kya Hai, Share Kharidne Ke Baad Kya Kare- इनफ़ोसिस के 200 शेयर्स 1700 रूपए की कीमत में ख़रीदा और इसको 1 साल तक अपने पास रखने को ठान लिया. share कैसे ख़रीदे? share खरीदने के बाद क्या करना होता है?
Share कैसे ख़रीदे?
यह काफी आसान काम है अब हम step-by-step सीखते है. यदि आप इनफ़ोसिस का share खरीदते है तो उसके लिए आपको अपने ट्रेडिंग account में login करना होगा मतलब की अपने ब्रोकर upstox, zerodha, Angel one, Motilal oswal आदि इनमे से किसी एक पर अपना ट्रेडिंग account बनाना होगा और फिर इसे ओपन करना है.
शेयर की कीमत ऊपर-नीचे क्यों जाती है
जब हम शेयर को खरीदते है तब हमारे सामने आर्डर टिकेट दिखेगा, जिसमे कई इम्पोर्टेंट जानकारी होती है –
- किस कंपनी का share खरीद रह है.
- उस share को Delivery या फिर Intraday के लिए खरीद रह है.
- कंपनी के कितने Quantity शेयर्स खरीद रह है.
आपका ब्रोकर यह जानकारी एक्सचेंज के पास भेजता है और इसे पहले वह ये जानेगा की इन शेयर्स को खरीदने के लिय पैसे हैं या नहीं! जब वह संतुष्ट होगा की आपके पास पैसे है तब आपका आर्डर stock एक्सचेंज में पहुचता है इसके बाद एक्सचेंज ऐसे बेचने बाले को खोजता है जो आपको इनफ़ोसिस के 200 शेयर्स 1700 में बेचने को तैयार हो.
ये सारा काम (NSE और BSE) एक्सचेंज का होता है जो आपने आर्डर दिया है उसे पूरा करने की जुम्मा एक्सचेंज लेता है. यदि मार्किट में बेचने बाले बहुत है तो आपको जल्द ही शेयर्स मिल जायेंगे. सौदा होने के बाद सभी शेयर्स इलेक्ट्रनिक रूप से demat account में पहुच जायगे. जब भी आप यह शेयर्स बेचेंगे फिर demat account से निकल भी जायेंगे.
शेयर खरीदने के बाद क्या करे?
एक बार share खरीदने के बाद वे शेयर्स आपके demat account में रख जाते है. अब आप कंपनी के हिस्सेदार बन चुके है कंपनी के हिस्सेदार होने की वजह से आपको stock split, rights issue, bonuse, dividend आदि कंपनी की तरफ से सुविधाएं प्राप्त होती रहंगी. इनके बारे में भी बाद में चर्चा करेंगे.
शेयर होल्डिंग पीरियड क्या है? (Share Holding Period Kya Hai)
बहुत से लोग इसे नहीं जानते है की share holding period क्या है? इसका मतलब ये होता है की जब भी हम शेयर खरीदते है और उन शेयर को जल्दी बेचने की बजाय अपने पास लम्बे समय तक रखते है. इसके बारे में वोरन बफेट ने कहा – Holding period 1 मिनट से लेकर महेसा के लिए भी हो सकता है. मतलब की उन shares को हमेशा के लिए भी रख सकते है.
उदहारण-
यदि इनफ़ोसिस का शेयर 1700 रूपए का है और वह 5,10 मिनुट्स में 1720 हो गया हो तो ये इतने कम समय में अच्छा return है और यदि आप इतने मुनाफे से खुस है तो आप इस सौदे को बंद करके मार्किट से निकल भी सकते है. ऐसा होना संभव है क्योकि मार्किट में तेजी होने पर इस तरह के मौके आते रहते है.Share Holding Period Kya Hai
मार्किट के Up और Down दोनों में मुनाफा
रिटर्न कैसे देखे?
मार्किट में सभी चीजें खास है हम पता करते है की आपको अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न मिल रहा है या नहीं. अगर आप अपने सौदे में अच्छी कमाई कर रहे हैं या फिर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं तो आप की सभी पुरानी गलतियां माफ की जाती हैं क्योंकि शेयर मार्किट में रिटर्न पाना ही सबसे महत्वपूर्ण है.
ज्यादातर रिटर्न को साल भर में ही देखा जाता है, रिटर्न नापने के कई तरीके हैं जिनके बारे में जानना बेहद जरुरी है. निचे कुछ तरीके बताएँगे, जिससे आप रिटर्न नाप सकते है और साथ ही कैलकुलेट करना भी सीख जायेंगे.
ऐब्सल्यूट रिटर्न ( Absolute Return ) –
आपक इस absolute return से पता चलेगा की अपने सौदे या निवेश पर कुल कितना मुनाफा कमाया है. आपको यह हिस्सा इस सवाल का जवाब देता है कि मैंने अगर इंफोसिस 1700 रूपए की कीमत पर खरीदा और 1750 रूपए की कीमत पर बेचा है तो मैंने कुल कितने प्रतिशत पैसे इस सौदे में कमाए है. इस रिटर्न को मापने का सरल फार्मूला ये है :
{बेचने वाली कीमत ÷ खरीदने के समय की कीमत 1} × 100
हमारे उदाहरण में –
{ 1750 : 1700-1 } x100
= 0.0294 × 100
2.94 %
यह काफी अच्छा रिटर्न है.
कम्पॉउंड ऐनुअल ग्रोथ रेट यानी सीएजीआर (CAGR ) –
अगर आप अपने 2 इन्वेस्टरस की तुलना करना चाहते हैं तो कुल रिटर्न यानी ऐब्सल्यूट रिटर्न ज्यादा अच्छा मापक नहीं है. इसके लिए तो आपको CAGR की मदद लेना काफी ठीक होगा. यदि मैं इंफोसिस का शेयर 1700 की कीमत में खरीदा और उस शेयर को 2 साल तक अपने पास (holding period) रखा
और इसके बाद 1750 रूपए में बेच दिया तो इन 2 सालों में मेरे share की कीमत कितनी रफ़्तार से बढ़ी. ये जानने के लिए CAGR काम आएगा. जब रिटर्न ऐब्सल्यूट रिटर्न में इसकी कोई भूमिका नहीं होती है. CAGR को पता करने का फार्मूला है-
यहाँ Ending Value= बेचने बाली कीमत
Begining Value खरीदने वाली कीमत
अब फार्मूले को सवाल में डालें तो –
{ [1750/1700 ] ^ ( 2 ) -1 } = 1.46%
इसका मतलब है निवेश 1.46% की रफ्तार से दो साल तक बढ़ा. हम सब को पता है कि इस समय देश में कई जगहों पर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर 1.46% तक का रिटर्न मिल रहा है और वहाँ पर रकम भी सुरक्षित रहती है. ऐसे में 1.46% का रिटर्न आकर्षक नहीं लगेगा.
आपको जब भी सालों का रिटर्न जानना हो तो, CAGR का उपयोग करना सही होगा. जब आप एक साल या कम का ऐब्सल्यूट रिटर्न का उपयोग कीजिए.
शेयर का मुनाफा कैसे देखे?
मार्किट में सभी चीजें खास है हम पता करते है की आपको अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न मिल रहा है या नहीं. अगर आप अपने सौदे में अच्छी कमाई कर रहे हैं या फिर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं तो आप की सभी पुरानी गलतियां माफ की जाती हैं..
शेयर आपके हो जाने के बाद?
एक बार share खरीदने के बाद वे शेयर्स आपके demat account में रख जाते है. अब आप कंपनी के हिस्सेदार बन चुके है कंपनी के हिस्सेदार होने की वजह से आपको stock split, rights issue, bonuse, dividend आदि कंपनी की तरफ से सुविधाएं प्राप्त होती रहंगी. इनके बारे में भी बाद में चर्चा करेंगे..