नीबू की खेती कैसे की जाती है- फलदार फलो में सबसे अधिक फायेदा देने वाली फसल है और नीबू की फसल में ज्यादा नुकसान भी नहीं होता है. खट्टे फलो में नीबू को ही पहला स्थान दिया जाता है भारत में इसे बहुत ज्यादा उगाया जाता है संतुलित आहार की आपूर्ति हेतु हम विभिन्न प्रकार के फलों को खाद्य पदार्थ के रूप में सेवन करते है.
इन फलों में एक ऐसा फल है जो देखने में गोल, पीला तथा स्वाद में खट्टा होता है. इसका बाजार मूल्य भी इतना कम है कि सामान्य लोग भी इसे खरीद सकते हैं. इस फल का उपयोग हम शर्बत, तेल, पेक्टिन, अचार, मार्म – लेड और बहुत सी दबाईयां बनाने में करते हैं. यह फल नीबू है जिसमें कागजी नीबू मुख्य है.
नीबू की उन्नत खेती के लिए निम्नलिखित परिस्थितियों का अनुकूल होना आवश्यक है
नीबू का वृक्ष
1.मृदा या मिट्टी-
इसे हम सभी प्रकार की मिट्टी में उगा सकते है लेकिन नीबू की खेती के लिए दोमट मृदा अच्छी मानी – जाती है. जल निकास वाली भूमि में नीबू के पौधे का पर्याप्त विकास होता है जिसके फलस्वरूप भरपूर फलित होती है. दोमट मृदा के अलावा चिकनी मृदा में भी नीबू पैदा किया जा सकता है.
2. जलवायु –
नीबू प्रजाति के फल विभिन्न प्रकार की जलवायु में पैदा होते हैं. नीबू अधिक वर्षा वाले क्षेत्र में कम फल देते हैं. खट्टी जाति के नीबू ठंडी तथा गर्म दोनों प्रकार की जलवायु में पैदा किए जाते हैं. लू तथा पाले से नुकसान होता है इन्हें केवल ऊचे स्थान पर ही उगाना चाहिए.
3. खाद तथा उर्वरक – नींबू में कौन सा खाद डालें?
नीबू के पौधों के लिए निम्नलिखित विधि से सही और संतुलित मात्रा में खाद और उर्वरक डालना चाहिए.
नींबू में कौन सा खाद डालें– कंपोस्ट या गोबर की खाद के साथ फॉस्फेट तथा पोटाश की पूरी मात्रा दिसंबर – जनवरी के महीने में देते हैं, यूरिया ( नाइट्रोजन ) को वर्ष में तीन बार में देना चाहिए, एक – तिहाई मात्रा फरवरी में, फिर एक – तिहाई मात्रा जून में तथा शेष एक – तिहाई मात्रा को सितंबर के महीने में देना चाहिए.
4. कर्षण क्रियाएँ-
नीबू के बाग में समय – समय पर निराई – गुड़ाई करके खरपतवार निकालते रहना चाहिए. नीबू के पौधों में लगभग 3-5 वर्ष में फल लगना प्रारंभ होता है. फल आने के पूर्व खाली स्थान में शीघ्र फल देने वाले पौधे जैसे – पपीता, फालसा के अलावा कुछ सब्जियाँ तथा मटर उगाकर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की जा सकती है.
5. प्रमुख किस्में –
नीबू की प्रमुख किस्में हैं. नींबू कितने प्रकार के होते हैं?
1.कागजी
- चक्रधर
- विक्रम
- प्रमालिनी
- पंत नीबू -2
- मेगर
- बारहमासी
- वेदना
- यूरेका लम्बा
- यूरेका गोल
6. पौधे तैयार करना-
नीबू प्रजाति के फलों का प्रसारण बीज तथा वानस्पतिक दोनों ही विधियों से किया जाता है. वानस्पतिक प्रसारण की कई विधियाँ हैं, जैसे कलिकायन ( Budding ) कर्तन ( Cutting ) गूटी ( Air layering ) आदि. कलिकायन विधि पौध तैयार करने की व्यावसायिक विधि है. Nimbu ki Kheti Kaise ki Jaati Hai
7. पौध रोपण- नींबू का पेड़ कैसे उगाएं?
नींबू का पेड़ कैसे उगाएं- सामान्य रूप से नीबू प्रजाति के पौधों को 6-6 मीटर की दूरी पर गड्ढों में लगाना चाहिए. पौधे लगाने से एक माह पहले 75×75 x 75 सेमी आकार के गड्ढे मई – जून महीने में खोद लेना चाहिए. इन गड्ढों में 20 किग्रा सड़ी गोबर की खाद, 20 ग्राम नाइट्रोजन, 50 ग्राम फास्फोरस, 25 ग्राम पोटाश, 2.5 किग्रा हड्डी का चूरा, अच्छी तरह भरकर सिंचाई कर देनी चाहिए. पौधों का रोपण शाम के समय मध्य जुलाई से मध्य अगस्त के बीच करना चाहिए.
8. सिंचाई- नींबू के पौधों की सिंचाई कब करें?
नींबू के पौधों की सिंचाई कब करें– नीबू के पौधों पर पानी लगाना अवश्यक है अधिक सिचाई होने पर फसल में अच्छी तरह हानि पहुच सकती है. नीबू की सिंचाई, वहाँ की भूमि, पौधों की प्रजाति, अवस्था तथा वातावरण पर निर्भर करती है. थाला विधि से सिंचाई करने से जल की बचत होती है तथा पौधों को एक समान पानी मिलता – रहता है. परंतु एक पौधे से दूसरे पौधे में रोग फैलने की प्रबल संभावना बनी रहती है. अतः अँगूठी विधि अथवा टपक सिंचाई विधि अपनाना चाहिए.
9. नींबू के पौधों की कटाई – छटाई
नींबू के पौधों की कटाई छटाई – वृक्ष की सभी रोगग्रस्त, घनी एवं अनावश्यक शाखाओं को काटकर अलग कर देना चाहिए. एक निश्चित आकार देने के लिए पौधों को छोटी अवस्था से ही काटते – छाँटते रहना चाहिए.
10. फूलने एवं फल लगने का समय- नींबू के फल कब लगते हैं?
नीबू के कुछ पौधों पर फूल और फल आते रहते है लेकिन कुछ पौधों का निश्चित समय होता है. नीबू में फल एक वर्ष में दो बार आता है. फरवरी में फूल लगने को अंबे बहार ‘ तथा जुलाई में फूल आने को ‘ मृग बहार ‘ कहते हैं. फरवरी में फूलने वाले पेड़ों से फल अप्रैल – मई में तथा जुलाई में फूलने वाले पेड़ों से फल नवंबर – दिसंबर में प्राप्त होते है. फलों की तुड़ाई बाजार की माँग तथा फल पीले होने पर ही करनी चाहिए.
11. फलों का गिरना-
यदि नीबू का फल पकने से 4-5 सप्ताह पहले गिरना शुरू हो जाता है. इसकी रोकथाम के लिए (10 पीपीएम, 2-4, 0.5% जिंक सल्फेट और 20 पी पी एम ऑरियोफंजीन) या फिर यह – 8-10 मिल ग्राम 2,4 – D दवा को एक लीटर पानी में घोलकर फल लगने के बाद छिड़काव करने से फलों को गिरने से बचाया जा सकता है. जब पौधों पर लगा फलो का ज्यादा गहरा पिला रंग पड़ जाता है तब फलो का तोड़ने का उचित समय होता है.
12. फलों की तुड़ाई एवं उपज-
जब फलों का रंग गहरा पीला हो जाता है तब उन्हें तोड़ना चाहिए. अगर नीबू का पौधा 7 से 8 बर्ष पुराना हो जाता है तब एक कुंटल से डेढ़ कुंटल तक निकलता है. इस प्रकार से आप 1 हेक्टेयर में 200 से 250 कुंटल उपज कर्र सकते है. नीबू से 10-72 वर्ष तब अच्छी फलत प्राप्त की जा सकती है. नीबू से प्रति हेक्टेयर 200-500 कुंतल उपज मिलती है.
13. कीट एवं बीमारियाँ-
नीबू के पौधों को लमन बटर फ्लाई नामक कीट बहुत नुकसान पहुंचाता है. इसके नियंत्रण के लिए [मैलाथियान 0.05 प्रतिशत या कार्वरील 0.1 प्रतिशत] का घोल बनाकर 10 दिन के अंतराल पर 2 से 3 छिड़काव करना चाहिए. सिट्रस कैंकर तथा डाइक नीबू की खतरनाक बीमारी है. इनकी रोकथाम के लिए बाग को साफ – सुथरा रखना चाहिए, वृक्षों में समय से पोषक तत्त्व देना चाहिए.
कीटनाशी तथा कवकनाशी दवाइयों का समय – समय पर छिड़काव करते रहना चाहिए. Nimbu ki Kheti Kaise ki Jaati Hai
पौधों के छिलका खाने वाली सुँडी-
यह सुंडी ज्यादातर पुराने पेड़ों को ही नुक्सान पहुचती है यह मई जून के महीने में 14 से 24 गुच्छो में पौधों की छाल में अंडे देती है और इनमे से 10-12 दिनों में सुंडी बहार निकल जाती है. शुरू में यह ताने की छल को ही खुरचते है और जब यह बड़े हो जाती है तब ताने के अंदर घुस जाती है. तभी पेड़ कमजोर हो जाता है.
रोकथाम के लिए
इसकी रोकथाम के लिए हमें पेट्रोल डाई क्लोरोवास या फिर एंडोसल्फान दवा रुई भिगोकर किसी भी तरह से उन छेदो के भीतर डाल दें और फिर गीली मिटटी से छेंद को बंद कर दें.
लोगों के पूछे जाने वाले यह छोटे-2 सवाल-
नींबू की खेती कैसे करें?
नींबू के फल कब लगते हैं?
फरवरी में फूलने वाले पेड़ों से फल अप्रैल – मई में तथा जुलाई में फूलने वाले पेड़ों से फल नवंबर – दिसंबर में प्राप्त होते है.
नींबू के पेड़ में क्या डालना चाहिए?
नींबू के पौधे को जल्दी कैसे बढ़ाए?
नींबू का पेड़ कैसे उगाएं?
नींबू में कौन सा खाद डालें?
नींबू का सेवन कब करना चाहिए?
हमें गर्मियों में नीबू का सेवन एक दिन में 2 बार करना चाहिए. जिला आयुष अधिकारी डॉ. जीपी वर्मा का मानना है की नींबू पानी से गर्मियों में अच्छे फायदे मिलते हैं. अगर आप इसका सेवन खाली पेट करते है तो और भी अच्छा होता है.
नींबू के पेड़ की उम्र कितनी होती है?
नीबू का पौधा 7 से 8 बर्ष पुराना हो जाता है तब एक कुंटल से डेढ़ कुंटल तक निकलता है. इस प्रकार से आप 1 हेक्टेयर में 200 से 250 कुंटल उपज कर्र सकते है.
लोगो के द्वारा पूछे गय सवाल –
- नींबू का पौधा कब लगाना चाहिए?
- नींबू कितने प्रकार के होते हैं?
- नींबू की सबसे अच्छी वैरायटी कौन सी है?
- नीबू की सबसे अच्छी वैरायटी कागजी बारहमासी ही होती है.
- क्या घर में नींबू का पेड़ लगा सकते हैं?
- लोगों का कहना है की नीबू का पेड़ घर की नकारात्मक शक्ति को घर से निकलता है.
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