मटर की खेती कैसे करें-
Matar Ki Kheti Kaise Kare– मटर रबी की एक महत्त्वपूर्ण फसल है. मटर की खेती करने का सही समय अक्टूबर से नवम्बर महीने अच्छा होता है. यह हरी सब्जी एवं दाल दोनों के रूप में उपयोग की जाती है. मटर के सूखे दाने में लगभग 22.5 प्रतिशत तथा हरे दानों में 7.2 प्रतिशत प्रोटीन पायी जाती है. इसके अतिरिक्त विटामिन तथा खनिज लवण भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं.
मटर की उन्नत & मटर की प्रजाति & मटर की खेती कब लगाएं?
मटर की खेती करने का सही समय अक्टूबर से नवम्बर महीने अच्छा होता है.
महाराष्ट्र- | जे पी- 885, अंबिका, इंद्रा (के पी एम आर- 400), आदर्श (आई पी एफ- 99-25) आई पी एफ डी-10-12 |
– हरियाणा- | उत्तरा (एच एफ पी- 8909), डी डी आर- 27 (पूसा पन्ना), हरीयाल (एच एफ पी- 9907 बी), अलंकार, जयंती (एच एफ पी- 8712) और आई पी एफ- 5-19 आदि प्रमुख है| |
पंजाब- | जय (के पी एम आर- 522), पंत मटर- 42, के एफ पी- 103, उत्तरा (एच एफ पी- 8909) अमन (आई पी एफ- 5-19) |
बिहार– | डी डी आर- 23 (पूसा प्रभात), वी एल मटर 42
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उत्तरप्रदेश- | स्वाती (के पी एफ डी- 24), मालवीय मटर (एच यू डी पी- 15), सपना, और विकास, (के पी एम आर- 1441) आई पी एफ- 4-9 |
गुजरात- | इन्द्रा, जे पी- 885, आई पी एफ डी- 10-12 |
छत्तीसगढ़– | शुभ्रा (आई एम- 9101), विकास (आई पी एफ डी- 99-13), पारस और यह प्रकाश |
आर्किल सब्जी वाली मटर है. इसकी फलियाँ बुवाई के 60 दिन बाद मिलने लगती हैं.
जलवायु एवं भूमि- मटर की खेती कैसे करें?
मटर रबी में उगायी जाने वाली फसल है. इसके लिए आवश्यकता होती है. मटर के अंकुरण के लिए लगभग 22 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान की आवश्यकता होती है. मटर की खेती बलुई दोमट एवं दोमट भूमि में अच्छी प्रकार से की जाती है.
खेत की तैयारी- Matar Ki Kheti Kaise Kare
हमें खेत की तैयारी किस तरह करनी चाहिए. खेत को एक बार मिट्टी पलटने वाले हल से तथा 3-4 बार देशी हल या कल्टीवेयर से जुताई करके समतल कर लेना चाहिए.
खाद एवं उर्वरक – मटर में कौन सा खाद डालें?
सर्वप्रथम 200 कुंतल कंपोस्ट (केचुओ के मॉल से तयार की गई खाद को ही वर्मी “कम्पोस्ट” कहा जाता है) या गोबर की सड़ी हुई खाद बोने के एक महीने पहले खेत में फैलाकर, हल चलाकर अच्छी तरह मिट्टी में मिला देना चाहिए. बाद में 25-30 किग्रा नाइट्रोजन, 50-60 किग्रा फॉस्फोरस तथा 40-50 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से खेत की मिट्टी में मिला देना चाहिए.
सिंचाई एवं जल निकास & मटर में पहली सिंचाई कब करें?
हमें ध्यान रहे की मटर की फसल को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है. मटर में एक सिंचाई फूल आने के समय करनी चाहिए. और दूसरी सिचाई जब फलियाँ बनती है मटर के खेत में पानी ज्यादा एकत्रित नहीं होना चाहिए अतः जल निकास के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए.
फसल सुरक्षा- मटर की फसल में खरपतवार नियंत्रण & मटर में पहली सिंचाई कब करें?
मटर के उगने की शुरू अवस्था में खरपतवारों (वे पोधे जो बिना उगाय या बोए को उगते है वो ही उन्हें ही खरपतवार कहते है, नियंत्रित करना आवश्यक है. इसके लिए खुरपी की सहायता से खरपतवारों को निराई एवं गुड़ाई करके नष्ट कर देना चाहिए. इसके अतिरिक्त बेसालीन की 2 किग्रा मात्रा को 800-1000 लीटर पानी में घोलकर खेत की अंतिम तैयारी के बाद समान रूप से छिड़क देना चाहिए एवं हैरो से मिला देना चाहिए.
कीट नियंत्रण – मटर की खेती कैसे करें?
कीट मटर की पत्तियों एवं फलियों को हानि पहुँचाते है. ये निम्नलिखित प्रकार के होते हैं
( i ) पत्ती में सुरंग बनाने वाले कीट– सूड़ियाँ पत्तियों में सुरंग बनाती हैं. पत्ती के हरे पदार्थों को खाने के बाद सफेद टेढ़ी – मेढ़ी लाइनें बना देती हैं जिससे पत्तियाँ आवश्यक भोजन नहीं बना पाती हैं. इस कीट के नियंत्रण हेतु मेटासिस्टाक्स 25 ईo सीo 1.5 लीटर 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए.
( ii ) फली बेधक कीट- घर में मटर की फलियों को छीला होगा. क्या कभी किसी फली को छीलते ही कीड़े दिखाई पड़ते हैं? ये कीड़े ही फलीबेधक कीट हैं. इस कीट की सूड़ियाँ हरे रंग की होती हैं जो फलियों के दानों को खाती हैं. इसके नियंत्रण हेतु दो किग्रा मैलाथियान 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण 800-1000 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करना चाहिए अथवा मैलाथियान 50 ई ० सी ० की 1 लीटर दवा, हमें 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना जरुरी होता है.
रोग एवं नियंत्रण- मटर की फसल के रोग & मटर की कटाई कब होती है?
मटर की पत्ती, तने एवं जड़ में विभिन्न प्रकार के रोग लगते हैं. जैसे-
जड़ सड़न– यह फफूंदी से फैलता है. इस रुग से हमारी फसल 40 – 50 प्रतिशत नष्ट हो जाती है. इसके नियंत्रण हेतु थिरम 5 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से उपचारित किया जाता है. खेत में पानी रुकने से बचाना चाहिए.
चूर्णिल आसिता- इस रोग में पत्तियों के ऊपर सफेद चूर्ण – सा जम जाता है तथा पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं. इसके नियंत्रण के लिए 2-3 किग्रा सल्फेक्स को 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टयर की दर से 2-3 छिड़काव, 5-10 दिन के अंतराल पर करना चाहिए.
मटर की कटाई कब होती है? तथा मड़ाई- मटर की खेती कैसे करें?
मटर की फसल जो दाने के लिए बोई जाती है मार्च तक पककर तैयार हो जाती है. पकी फसल को हँसिया की सहायता से काटने के बाद बैलों द्वारा या ट्रैक्टर द्वारा मड़ाई की जाती है.
उपज और लाभ “Matar Ki Kheti Kaise Kare”
मटर के दानों की उपज 20-30 कुंतल प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है. मतलब की हम 20-30 कुंतल मटर 4 बीघा में प्राप्त कर सकते है और 40-60 कुंतक 8 बीघा (2 हेक्टयेर) में पैदा कर सकते है. एक कुंतल में 100 किलो होते है सामान्य मटर का भाव 20-30 रूपए किलो होता है. अगर भाव 30 रूपए किलो भी लगाए तो भी एक हेक्टयेर में 90,000 हजार रूपए और ऐसे ही अगर हम 5 हेक्टयेर में इसकी बुवाई करे तो एक बार में 4,50,000 हजार की कमाई कर सकते है.
आपकी कुल लागत – 21,000 रूपए (प्रति हेक्टेयर)
मटर की पैदावार – 30.00 कुंतल (प्रति हेक्टयेर)
बाजार का मूल्य – 30.00 रूपए (प्रति किलो)
कुल आमदनी प्राप्त – 90,000 रूपए (प्रति हेक्टयेर)
आपका कुल फायेदा – 70 हजार रूपए
अगर आप 5 हेक्टयेर में मटर की खेती करते है तो आप 3,50,000 रूपए कमा सकते हो.
किस्मों की विशेषताएं और उनकी पैदावार
आजाद मटर – मटर की खेती कैसे करें?
यह किस्म मध्यम के समय में तैयार होने वाली किस्म है. फलियाँ 8 से 10 सेंटीमीटर लम्बी, हल्की सी मुड़ी हुई और गहरे हरे रंग की ही होती हैं. और इसके बीज सिकुड़े हुए हल्के हरे रंग के होते है आजाद मटर की औसत पैदावार 70 से 75 कुन्तल प्रति हैक्टेयर पाई जाती है.
पंत मटर 155- मटर की खेती कैसे करें?
पंत मटर की यह किस्म 13 x डी डी आर- 27 के संकरण से वंशावली विधि द्वारा विकास की गयी है. इसकी औसत उपज 1731kg प्रति एकड़ पायी जाती है. यह मानक प्रजाति पंत मटर- 14 से 10.17 प्रतिशत एवं पंत मटर– 42 से 11.67% बहुत ज्यादा थी. इसका परीक्षण किसानो के द्वारा हो चूका इससे पता चला की इसकी औसत उपज 2370 किलोग्राम प्रति एकड़ पायी गई. और एक बात इस किस्म के 100 ग्राम दाने में लगभग बजन 20 ग्राम होता है. यह लगभग 125 से 130 दिन में इसका विकास हो जाता है.
लोगो के पूछे जाने वाले सवाल –
सब्जी वाली मटर की खेती कब करें?
मटर की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
मटर का बीज क्या रेट है?
मटर कब लगाएं?
मटर कितने प्रकार की होती है?
मटर कौन सी फसल है?
मटर की फसल के रोग
Matar Ki Kheti Kaise Kare?