प्रतेक हेक्टेयर में 16 कुंटल गेहूं की फसल करें | गेहू की खेती कैसे करे

यह Gehu Ki Kheti Kaise Kare- गेहूँ अन्न की प्रमुख फसल है. भारत में गेहूँ उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान हैं. हम इसका उपयोग रोटी, डबलरोटी, मैदा, सूजी एवं अन्य स्वादिष्ट भोज्य – पदार्थों को बनाने में किया जाता है. इसमें प्रोटीन लगभग 10-11 प्रतिशत तथा कार्बोहाइड्रेट 70-75 प्रतिशत होता है. इसमें ग्लूटीन नामक प्रोटीन पाया जाता है.
यह ग्लूटीन नामक प्रोटीन गुथे हुए आटे में लोच पैदा करती है.

  1. गेहूं की खेती के लिए तापमान?

गेहूँ रबी की फसल है. बीज जमाव के लिए ठंडे तथा नमी युक्त वातावरण की आवश्यकता होती है. गेहूँ का जमाव 20-25 सेंटीग्रेड पर अच्छा होता है. मतलब की खूब अच्छा खासा कोहरा और ठंड होनी चाहिये. तभी अच्छे दर से गेहूं निकले गा.

  1. मृदा या मिट्टी-

गेहूँ की फसल के लिए दोमट भूमि सबसे अच्छी मानी गई है. बलुई दोमट या चिकनी दोमट भूमि में भी गेहूँ की अच्छी फसल ली जा सकती है. फसल के लिए भूमि समतल होनी चाहिए.

  1. खेत की तैयारी- Gehu Ki Kheti Kaise Kare?

खरीफ की फसल के बाद एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से कर देनी चाहिए. इसके बाद कल्टीवेटर या देशी हल से 2-3 जुताई करनी चाहिए तथा प्रत्येक जुताई के बाद पाटा लगा देना चाहिए. पाटा लगाने से भूमि भी समतल हो जाती है और नमी सुरक्षित रहती है.

  1. खाद तथा उर्वरकों का प्रयोग- गेहूं में खाद कितना डालें

गेहूँ की फसल के लिए 120 किग्रा नाइट्रोजन, 60 किग्रा फास्फोरस तथा 40 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टेयर प्रयोग करना चाहिए. फास्फोरस तथा पोटाश की संपूर्ण मात्रा और नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय बीज के साथ 5 सेमी गहराई पर देना चाहिए तथा शेष नाइट्रोजन को दो भागों में बाँटकर कल्ले निकलते समय तथा बालियाँ बनते समय देना चाहिए.

नाइट्रोजन उर्वरक प्रायः शाम के समय खड़ी फसल में दिया जाता है. सिंचाई के पश्चात् खेत में पैर रखने पर जब पैर का हल्का निशान बन जाए तो उर्वरक देने का सही समय होता है.

  1. बीज और बुवाई- Gehu Ki Kheti Kaise Kare?

सामान्य गेहूँ की फसल के लिए 100 किग्रा बीज की मात्रा प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होती है. देर से बुवाई करनी हो तो 125 किग्रा एवं डिबलर द्वारा 20-25 किग्रा बीज प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है.

Gehu Ki Kheti Kaise Kare
  1. बीज उपचार-

अगर हम गेहूं की अच्छी उपज पाना चाहते हो तो ह्हमे प्रमाणित बीज का उपयोग करना चाहिए. गेहूँ के 100 किग्रा बीज को 250 ग्राम वाइटावैक्स, डेरोसॉल, बी – स्टेन या थीरम से उपचारित कर लेना चाहिए. जिससे अधिकांश बीमारियों की रोकथाम हो जाती है.

  1. बुवाई का ढंग

बीज की बुवाई देशी हल, डिबलर तथा सीडड्रिल इत्यादि से की जाती है. पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20-25 सेमी रखनी चाहिए तथा बीज को 4 से 5 सेमी की गहराई में बोना चाहिए.

  1. सिंचाई- गेहूं में पहला पानी कब लगाएं

Gehu Me गेहूँ में 5-6 बार सिंचाई (पानी) की आवश्यकता होती है. पहली सिंचाई गेहूँ बोने के 20-22 दिन बाद करनी चाहिए. यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण सिंचाई है इसके बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहना चाहिए जैसे की 8-10 दिन में पानी लगाते रहे यह भी आपके खेत की मिटटी के उपर निर्भर करता है Gehu Me Last Pani Kab Lagaye- अंतिम सिंचाई से पहले वाली सिंचाई दूधिया अवस्था में करनी चाहिए. अंत में हल्की सिंचाई दाना पकते समय रात में करनी चाहिए.

  1. खरपतवार नियंत्रण- Gehu Ki Kheti Kaise Kare?

गेहूँ में बथुआ, हिरनखुरी, प्यासी, कृष्ण नील आदि खरपतवार उगते हैं. इनके नियंत्रण के लिए 2-4 -D की 500 ग्राम मात्रा 700 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 35 दिन बाद छिड़काव कर देना चाहिए. गेहूँ, जई, जैस सकरी पत्ती वाले खरपतवारों का नियंत्रण आइसोप्रोट्यूरान 1-1.5 किग्रा सक्रिय अवयव को 700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर देना चाहिए.

दीमक पर नियन्त्रण

दीमक का प्रकोप हमारे खेत की मिटटी से सुरु होता है दीमक इनका प्रकोप गेहूं की बुवाई से लेकर कटाई तक यह प्रतेक स्थति में पोधे को खा कर उन्हें अच्छे से नष्ट कर देते है.
गेहू में हमें लिन्डेन 1.3% या सेवीडाल 20-25 किग्रा. हैक्टेयर की दर से पउपयोग करना चाहिये. क्लोरोपायरीफास 20 EC की 3-4 ली. मात्रा पानी लगाने के समय प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग करने पर दीमक नष्ट (ख़तम) हो जाती है. इसके अलावा एल्ड्रिन 5%, डस्ट अथवा BHC 10% डस्ट की 20-25 किग्रा० मात्रा हैक्टेयर की दर से बुवाई से पहले उपयोग की जा सकती है.

चूहों पर नियन्त्रण के लिये

हमें सभी बिलों में एल्यूमीनियम फास्फाइड 0-5 ग्राम की एक-एक गोली छोटे बिलों में या 4 ग्राम की एक गोली बड़े-बड़े बिलों में डाल देनी चाहिये. अगर गेहूँ की खड़ी फसल में इन चूहे का ज्यादा प्रकोप होने पर जिंक फास्फाइड दो भाग, सरसों का तेल दो भाग और गेहूँ या मक्का का आटा 96 भाग को मिलाकर गोलियाँ बनानी चाहिये. और उन्हें चूहों के बिलों और आस-पास की जगह पर रख देना चाहिए.

फसल चक्र

धान-गेहूं एक वर्ष
मक्का गेहूं एक वर्ष
ज्वार-गेहूं एक वर्ष

11.कटाइ, मड़ाई एव भडारण & गेहूं की कटाई कब होती है

  1. गेहूं की फसल 4-5 महीने में पककर तैयार हो जाती है. जब पौधे हरे रंग से सुनहरे रंग में बदल जाएँ. तो गेहूँ की कटाई कर लेना चाहिए.
    2. कटाई के बाद गेहूँ की मड़ाई थ्रेशर से की जानी चाहिए. यंत्रीकरण के युग में गेहूँ की कटाई, मड़ाई एवं ओसाई कंबाइन मशीन से की जाती है.
    3. गेहूँ की उपज 35-40 कुंतल प्रति हेक्टेयर होती है. प्रगतिशील कृषक या राजकीय फार्म में 40-45 कुंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है. 4. भंडारण हेतु गेहूँ में नमी की मात्रा 12 प्रतिशत से कम होनी चाहिए.

लोग के ज्यादा पूछे सवाल–

गेहूं में कितना खाद डालना चाहिए?

गेहूं कब बोना चाहिए & सबसे अच्छा गेहूं कौन सा है?

Gehu Kab Bona Chahiye- गेहूं कब बोना चाहिए यह सवाल सभी का होता है बता दें की गेहूँ की बोआई का सबसे सही समय 15 से 30 नवंबर के पास माना जाता है. बीज को 4 से 5 सेमी की गहराई में बोना चाहिए. अगर गहराई इससे ज्यादा या कम होगी तो बीजों का अंकुरण नहीं हो पाता है. गेहूँ की अब मशीनों दवारा बुबाई होती है.

सबसे अच्छा गेहूं कौन सा है?

गेहूं में पहली किस्म एचडी 3298 (HD 3298), जोकि काफी देरी से बोई जाने वाली किस्म होती है, पंजाब, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा राजस्थान (कोटा & उदयपुर मंडल को छोड़कर), जम्मू-कश्मीर के जम्मू & कठुआ जिले ऐसे सभी क्षेत्रों के लिए दूसरी किस्में डीडब्ल्यू 3030 ( DBW 303), डीडब्ल्यू 187(DBW 187) और डब्ल्यूएच 1270 (WH 1270) किस्म है, और एक बात यह तीनों किस्में जल्दी ही बोई जाने वाली है और सिंचित क्षेत्रों के लिए विकसित की गईं हैं.

सबसे ज्यादा पैदावार वाली गेहूं कौन सा है?

सबसे ज्यादा पैदावार वाली गेहूं- एचडी 3298 (HD 3298), डीडब्ल्यू 3030 ( DBW 303), और डब्ल्यूएच 1270 (WH 1270), डीडब्ल्यू 187(DBW 187), HI-8663 (पोषण्)

सबसे ज्यादा पैदावार वाली गेहूं की किस्म HI-8663 (पोषण्) हैं.

1 एकड़ में गेहूं कितना होना चाहिए?

40-60 किलोग्राम पर एकड़ बीज उपयोग में आता है.

गेहूं में पहला पानी कब लगाएं?

आपको इसका जवाव ऊपर मिलेगा..

गेहूं कितने दिन में आता है?

कम से कम गेहूं को बुबाई करके 10 दिनों में अच्छे से निकल आते है और जब गेहूं पूरे 15 दिन के हो जाते है तो हमें सिचाई करनी जरुरी है.

गेहूं की फसल कितने दिन में पकती है?

गेहूं की फसल कुछ किस्मे 4 महीनो में और कुछ 5 महीनो में भी पाक जाती है.

गेहूं में दूसरा पानी कब लगाएं?

हमें गेहूं में दूसरा पानी 15 दिन में लगाना चाहिए.

गेहूं की खेती की जानकारी?

गेहूं में कौन सा प्रोटीन पाया जाता है | Gehu Ki Kheti Kaise Kare?

इसका उपयोग रोटी, डबलरोटी, मैदा, सूजी एवं अन्य स्वादिष्ट भोज्य – पदार्थों को बनाने में किया जाता है. इसमें फाइबर प्रोटीन कैल्शियम लगभग 10-11 प्रतिशत तथा कार्बोहाइड्रेट 70-75 प्रतिशत होता है. इसमें ग्लूटीन नामक प्रोटीन पाया जाता है.

गेहूं की खेती के लिए तापमान?

गेहूं की फसल में 20 से 25 डिग्री सेन्टीग्रेड तापमान ही अच्छा रहता है.

गेहूं की खेती कैसे की जाती है?

गेहूं की खेती में उर्वरक प्रबंधन?

गेहूं की खेती करने का तरीका?

गेहूं की अच्छी उपज के लिए क्या करें?

गेहूं की वैज्ञानिक खेती कैसे करें?

Gehu Ki Kheti Kaise Kare?

हमें गेहूं की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए किसान अपने क्षेत्र के लिए उचित किस्म के बीज का चुनाव करें. अगर आप अच्छी उपज करना चाहते हो तो आपको शुद्ध प्रमाणित बीज उगाना चाहिए. हमेशा गेहूं का जमाव कम से कम 80-85 प्रतिशत होना चाहिए. एक ट्रेक्टर कल्टीवेटर से गहरी जोताई करे या मिट्टी पलटने वाले हल से करें.

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