गन्ने की खेती कैसे करते हैं | Ganne Ki Kheti Kaise Kare ?

Ganne Ki Kheti Kaise Kare- गन्ना भारत में एक बड़े स्तर पर और कमर्शियल तौर पर उगाने वाली फसल है। अगर आंकड़ों को माना जाए तो गन्ने की खेती से भारत में लाखों किसान परिवार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर से लाभ प्राप्त कर रहे हैं। वर्तमान में हमारा देश उन देशों में से एक है जहां सबसे अधिक गन्ने का उत्पादन किया जाता है जिसका मुख्य कारण देश में तेजी से आगे बढ़ता हुआ चीनी उद्योग यानी कि सुगर इंडस्ट्री भी हैं।

गन्ने की खेती की खास बात यह भी होती है कि इसकी अधिक देखभाल करने की आवश्यकता ही नहीं होती यानी की शुरुआत में देखभाल करने के बाद उसके बाद सामान्य देखभाल के साथ गन्ने की खेती की जा सकती है और इससे काफी अच्छा प्रॉफिट प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे किसान को एक्स्ट्रा इनकम जनरेट करने के लिए भी समय मिलता है।

अगर आप भी गन्ने की खेती करना चाहते हो और आपके दिमाग में गन्ने की खेती को लेकर कोई भी सवाल चल रहा है तो यह लेख आपके लिए लाभदायक साबित होने वाला है। दरअसल इस लेख में हम गन्ने की खेती कैसे करें के विषय पर बात करने वाले हैं।

भारत मे गन्ने की खेती के बारे में – Sugercane Farming in India (Hindi)

जैसा कि हमने आपको पहले बताया भारत उन देशों में से एक है जहां पर सबसे अधिक गन्ना उगाया जाता है। हमारे देश में गन्ने की खेती मुख्य रूप से बड़े किसानों के द्वारा की जाती है। ऐसा नहीं है कि सीमांत किसान इस फसल को नहीं होगा थे लेकिन अधिकतर बड़े के साथ ही इस फसल को उगाते हैं और कमर्शियल तौर पर इसे व्यापारियों को बेचते हैं या फिर कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं।

इससे किसान और व्यापारी दोनों को ही काफी फायदा होता है। गन्ने की फसल को सर्दी से लेकर बसंत कालीन ऋतु के बीच में बोया जाता है और इसे काटने का समय तब होता हैं जब गन्ना पक जाए और वह चीनी बनाने के योग्य हो। गन्ने की फसल के लिए मुख्य रूप से 25 डिग्री से लेकर 32 डिग्री तक का तापमान श्रेष्ठ माना जाता हैं।

यही कारण हैं कि इस फ़सल को मुख्य रूप से शरद या बसंत ऋतु में उगाया जाता हैं। गन्ने की फसल को लेकर कहा जाता है कि गन्ने की खेती करने में केवल शुरुआत में देखभाल करनी होती है और उसके बाद काफी सामान्य देखभाल के साथ गन्ना उगाया जा सकता है। यानी कि गन्ने की खेती करने वाले किसान को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती। “Ganne Ki Kheti Kaise Kare

गन्ने की खेती में मेहनत मुख्य रूप से बुवाई और कटाई के दौरान होती है और उसके अलावा बीच में काफी कम मेहनत लगती है। वर्तमान में भारत में विभिन्न तरह की गन्ने की प्रजातियां मौजूद है जो विभिन्न जगहों पर वातावरण के अनुसार उगाई जाती है। भारत में गन्ने का उत्पादन ना केवल चीनी उद्योगों के लिए होता है बल्कि कई अन्य औषधियों के निर्माण और अन्य उपयोगों जैसे कि गन्ना जूस आदि में प्रयोग के लिए भी करने की खेती की जाती है।

गन्ने की खेती कैसे करते हैं?  “Ganne Ki Kheti Kaise Kare”

गन्ने की खेती की एक खास बात यह होती हैं कि इसमे केवल शुरुत में मेहनत करनी होती है और उसके बाद किसान सामान्य देखभाल के साथ बेहतरीन उच्च गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त कर सकता है। गन्ने की खेती में हर साल 1.5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के अनुसार फायदा प्राप्त किया जा सकता हैं। तो चलिये जानते हैं कि किसान गन्ने की खेती कैसे करते है (गन्ने के खेती कैसे करते है) और उससे मुनाफा कैसे कमाते हैं!

गन्ने की खेती के लिए कैसी मिट्टी अच्छी रहती है 

किसी भी फसल की खेती करने से पहले हमें यह पता होना चाहिए कि आखिर वह फसल किस तरह की मिट्टी पर अधिक गुणवत्ता और मुनाफा प्रदान करती है। कुछ फसलें ऐसी होती है जो लगभग केवल एक ही प्रकार की मिट्टी पर उगाई जाती है लेकिन अगर बात की जाए गन्ने की फसल की तो दोमट मिट्टी को सबसे बेहतर माना जाता है।

अगर किसी किसान के पास भारी दोमट मिट्टी का खेत है तो वह भी आसानी से गन्ने की फसल अपने खेत में उगा सकता है। खारी या फिर अम्लीय मिट्टी पर गन्ने की खेती नहीं की जा सकती और साथ में जिस मिट्टी भर पानी का जमाव रहता है वहा भी गन्ने की खेती करना मुश्किल है।

गन्ने की फसल उगाने के लिए अगर मिट्टी को तैयार करने की प्रोसेस के बारे में बात की जाए तो इसके लिए एक बार मिट्टी को पलटना होता है और तीन बार हैरो चलाना होता हैं। अगर देसी हल किसान के पास हो तो कम से कम 5 से 6 बार जुताई होनी चाहिए। मिट्टी कुछ इस प्रकार से तैयार की जानी चाहिए कि बुवाई के समय खेत में नमी बनी रहे।

गन्ने की खेती में बुबाई से पहले क्या करे? 

किसी भी प्रकार की फसल की खेती में बुवाई एक महत्वपूर्ण भाग होता है जिसमें किसान को सतर्क रहना होता है और काफी मेहनत भी करनी पड़ती है। गन्ने की खेती में बुवाई से पहले खेत में अच्छी तरह से खाद डालना होता है और उसके बाद खेत मे बीज देना होता हैं। जिन गन्नो को बीज के रूप में उपयोग किया जाता है वह निरोगी होनी चाहिए. 

और इस बात का ध्यान रखा जा सकता है कि गन्ने के ऊपरी भाग अधिक अंकुरित होते हैं तो उनसे अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। एक हेक्टेयर के लिए 40,000 टुकड़ो को पर्याप्त माना जाता हैं। अगर साइंटिफिक रूप से प्लानिंग के साथ गन्ने की खेती करनी है तो इस बात का ध्यान रखें कि बीज को बोने से पहले उन्हें कार्बनिक कवकनाशी से उपचारित कर ले।

गन्ने की खेती के लिए बुवाई कैसे की जाती है (Ganne Ki Kheti Kaise Kare) 

गन्ने की खेती मुख्य रूप से फरवरी या फिर मार्च में की जाती है। अगर शरद ऋतु में अर्थात सर्दियों में खेती की जा रही है तो 75 सेंटीमीटर की दूरी पर और अगर बसंत ऋतु अर्थात सर्दियों और गर्मियों के बीच के समय में खेती की जा रही है तो 20 सेंटीमीटर की दूरी पर नालिया खोदी जाती है। इसके बाद उस को नाली में डालकर मिट्टी में मिलाया जाता है। इसके बाद खेत में गन्ने के बीजों को बोया जाता हैं। 

Ganne Ki Kheti Kaise Kare 

गन्ने की फसल को दीमक को और कीड़ों से कैसे बचाएं?

गन्ने की फसल को लेकर एक नुक्सान वाली बात यह है कि इसमें दिमाग और कीड़े काफी ज्यादा लगते हैं। ऐसे में अगर इसके पहले से तैयारी कर दी जाए तो उच्च गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त की जा सकती है

जिसके लिए व्यापारियों के द्वारा बेहतरीन काम किया जाता है। बुवाई के 5 दिन बाद लिंडेन को करीब 1200 लीटर पानी मे मिलाकर अगर फसल पर छिड़का जाए तो दीमकों और कीड़ो से फसल को बचाया जा सकता हैं। इसके अलावा इस दवा को 50 लीटर पानी में मिलाकर नालियों में छिड़क दिया जाए तो भी मिट्टी तक दवा पहुचकर प्रभावी रूप से खेती की जा सकती हैं।

गन्ने की फसल की सिचाई और कटाई कैसे और कब करे? 

अगर बरसात के दौरान की गन्ने की खेती की जाए तो केवल एक सिचाई ही खेती के लिए पर्याप्त होती हैं लेकिन अगर गन्ने की खेती वसंत ऋतु के दौरान की जा रही है तो उच्च गुणवत्ता वाली फसल के लिए करीबन 6 बार सिचाई करनी होती हैं।

अगर गन्ने की फसल तराई वाले क्षेत्रों में उगाई जा रही है तो बरसात से पहले 2 से 3 सिचाई सही रहती हैं और बरसात के दौरान एक सिंचाई ही काफी पर्याप्त होती हैं। इसके बाद गन्ने की फसल की सामान्य देखभाल की जाती हैं और वही गुणवत्ता के साथ उगे उसका ध्यान रखा जाता हैं। इसके बाद जब फसल पर हेंड रिप्रेफ्क्टोमीटर का बिंदु 18 पर पहुचे तो उसके बाद फसल की कटाई शुरू करदी जाती हैं।

लोगों के पूछे जाने वाले सबाल- Ganne Ki Kheti Kaise Kare?

गन्ना भारत की कौन सी फसल है?

Ans– भारत में गन्ना की फसल को “नकदी फसल के रूप में स्थान दिया गया है”.

गन्ना कब लगाया जाता है?

Ans– गन्ने की खेती मुख्य रूप से फरवरी या फिर मार्च में की जाती है।

गन्ने में कौन सी खाद डालें

Ans- Ganne me Konsi Khad Dale – जब गन्ना बुवाई से पहले (एक एकड़ में ) – सुपरफास्फेट 150kg + 50kg  म्यूरेट ऑफ़ पोटाश + 25kg  यूरिया + 10kg रीजेंट.

Ganne Ki Kheti Ke Fayde Aur Nuksan

गन्ने की उपज कैसे बढ़ाएं?

अगर आप गन्ने की उपज बढाना चाहते हो तो ध्यान रहे की

  1. गन्ना बुबाई समय खेत में अच्छी नमी होनी चाहिए.
  2. खेत की ज्यादा से ज्यादा जुताई होनी चाहिए.
  3. गन्नो का बीज निरोगी होनी चाहिए.
  4. गन्ने की बीज नालियों में खाद और किट से बचाने के लिए दावा डालें.
  5. खेत को जोतने से पहले उसमे गोबर खाद डालनी चाहिए.
  6. सही समय पर पानी और कीट से बचने के लिए स्प्रे का ध्यान रखे.

गन्ने में कोराजन का प्रयोग कब करें?

Ans- हमारे महाप्रबंधक गन्ना राजीव गुप्त ने कहा है की सिचाई बुबाई और खरपतवार पर नियंतरण करके खादों का उपयोग करने का सही समय है. गन्ने की पेंडी या नोलक में कोराजन (korajan) का उपयोग करें.

गन्ना में क्या पाया जाता है?

Ans– हमारे खेत के गन्ने में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस इतने आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। गन्ना खाने से हड्डियां ताकतवर और मजबूत होती है. दांतों की जो भी समस्या होती है वो ठीक करता है.

 

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