शेयर कब ख़रीदे और बेचे | Engulfing Candlestick Pattern in Hindi

दोस्तों, आज के इस लेख में हम आपको Engulfing Candlestick Pattern In Hindi, Bullish Engulfing Pattern In Hindi, Engulfing Candlestick Pattern किस तरह से बनता है, Engulfing Candlestick Pattern बनने के बाद कब शेयर को खरीदना चाहिए, Engulfing Candlestick Pattern कैसा दीखता है? यह सभी जानकारी आगे लेख में जानेंगे.

Engulfing Candlestick Pattern क्या है [Engulfing Candlestick Pattern In Hindi]

सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न में ट्रेड करने के लिए आपको एक ही कैंडल की जरुरत होती है. लेकिन आज हम मल्टीपल कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में जानेंगे. मल्टीपल कैंडलस्टिक पैटर्न में ट्रेड लेने के लिए मौके को ढूंढना चाहिए, जिसमे कभी-कभी 2,3 कैंडल को पहचानना होता है. उसके लिए आपको 2 या 3 दिन पिछले का कैंडल चार्ट देखना होता है

जब एनगल्फिंग पैटर्न चार्ट में बनता है तो उसके लिय कम से कम 2 सेशन लग जाते हैं. इसमें पहले दिन बाला कैंडल छोटा और दुसरे दिन बाला कैंडल लम्बा होता है. कुछ इस तरह से दिखेगा की पहला कैंडल को दूसरा कैंडल निगल या छिपा लेगा. यदि एनगल्फिंग पैटर्न निचे ट्रेंड में बन रहा है तो उसे बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न कहते है.

और यदि एनगल्फिंग पैटर्न ऊपर ट्रेंड में बन रहा है तो उसे बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न कहते है.

बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न – Bullish Engulfing Pattern In Hindi

बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न 2 कैंडल बाला होता है जो की चल रह निचे के ट्रेंड में बनता है जैसे ही Engulfing candle बनता है इसके बाद मार्किट पर बुल्स का कब्ज़ा हो जाता है मतलब की मार्किट में (bullish) तेजी आ जाती है इन स्थति में खरदारी करनी होती है.

निचे दिए गय चार्ट में 2 दिन के bullish Engulfing candle को एक घेरे में रखा है

बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न की खास बात क्या है?

किन बातों का ध्यान रखना चाहिये – 

  1. बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न बनने से पहले ट्रेंड निचे की तरफ होना चाहिए.
  2. पहले दिन बाला कैंडल लाल रंग का होना चाहिए जिससे हमें कन्फर्मेशन मिलता है की मार्किट में मंदी है.
  3. दुसरे दिन कैंडल हरी/नीली होनी चाहिए जिससे पहली बाली लाल छोटी कैंडल पूरी तरह से छिप जाए.
Engulfing Candlestick Pattern In Hindi
Bullish Engulfing Candlestick Pattern In Hindi

बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न क्यों बनता है?

  1. मार्किट धीरे-धीरे निचे जा रहा होता है.
  2. एनगल्फिंग पैटर्न पहले दिन निचे ओपन होता है जिससे एक लाल रंग का कैंडल बन जाता है.
  3. फिर दुसरे दिन का कैंडल पहले दिन की क्लोजिंग कीमत के पास ओपन होता है और एक नया low बनने की कोशिश होती है लेकिन low पर अधिक खरीद होने लगती है जिसकी वजह से पिछले दिन बाले कैंडल से ऊपर जाकर close होता है और नीला/हरा रंग का कैंडल बन जाता है.
  4. जब दुसरे दिन कीमत में बदलाव आते है जिससे हमें ये पता चलता है की मार्किट में बुल्स ने मजबूती से कब्ज़ा कर लिया है. वे बेरिश ट्रेंड को थोडकर bullish हुए है ऐसा करने से उनको काफी मेहनत करनी पड़ी थी, जिससे लम्बा एनगल्फिंग बुलिश कैंडल हरा/नीला रंग का बना है.
  5. बेयर्स को इस बारे में नहीं पता था की बुल्स इस तरह का कोई भी कदम उठाएंगे और इसी कारण बेयर्स बुल्स से थोडा डर जाते है.
  6. जिस तरह से मार्किट में तेजी चल रही होती है वह कुछ दिनों तक तेजी का माहौल बना रहता है. जिसकी वजह से कीमत उपर जाती रहती है. इसमें आपको खरीदने का मौका देखना चाहिए.

बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न में सौदा कैसे करे?

  1. बुलिश एनगल्फिंग पूरे 2 दिन में बन जाता है.
  2. इसमें खरीदने के लिए दिया गया सुझाव नीले/हरे कैंडल की close कीमत के बराबर होगी.
  • रिस्क लेने बाला ट्रेडर दुसरे दिन बने कैंडल को सौदा सुरु करेगा जब उसे कन्फर्मेशन मिलेगा और पहले दिन बाली कैंडल को पूरी तरह से छिपा लेगा.
  • रिस्क से बचने वाला ट्रेडर ट्रेड तब करेगा जब उसे नील/हरे रंग की कैंडल बाला दिन दिखाई देगा.
  • यदि दुसरे दिन बाली कैंडल के बाद लाल रंग का कैंडल बना तो ऐसे में रिस्क से बचने बाला ट्रेडर ट्रेड नहीं करेगा. क्योकि उसे ध्यान होता है की ” मजबूती में खरीदो और कमजोरी में बेचो “.
  • मेरे हिसाब से मल्टीपल कैंडलस्टिक पैटर्न 2 दिन या उससे आधिक दिन में बनते है उसमे रिस्क लेने बाले ज्यादा फायदे में रहते है ना की रिस्क से बचने.
  1. ट्रेड का स्टॉपलॉस पहले और दुसरे दिन बाली कैंडल दोनों का low पर लगाया जाता है यहाँ पर आपको अपने टारगेट या stoploss तक पहुचने का ही इंतजार करना है वैसे तो फायदे को बढ़ाने के लिए कभी – कभी स्टॉप लॉस को ट्रेल करना भी पड़ सकता है.(, bullish engulfing pattern in hindi)
Engulfing Candlestick Pattern In Hindi
Engulfing Candlestick Pattern In Hindi

यहाँ OHLC है-

1 पहले दिन बाला एनगल्फिंग कैंडल =  P1  और 2 दुसरे दिन बाला एनगल्फिंग कैंडल = P2

P1 – Open = 163, High = 168, Low = 158.5, Close = 160

P2 – Open = 159.5, High = 170.2, Low = 159, Close = 169

एनगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न में सौदा कैसे बनेगा?

  1. रिस्क लेने बाला ट्रेडर P2 बाले दिन 169 पर ही खरीदेगा लेकिन सबसे पहले वह कांफोर्म करेगा की एनगल्फिंग कैंडल बन रहा है या नहीं
  • P2 बाले दिन शाम के 3:20 पर मौजूदा कीमत P1 की ओपन कीमत से अधिक ऊची होनी चाहिए.
  • दुसरे दिन को P2 का ओपन पहले बाले दिन P1 के close कीमत के बराबर या थोडा निचे होना चाहिए.
  1. रिस्क से बचने बाला ट्रेडर हमेशा P2 अगले दिन ही ट्रेड सुरु करेगा लेकिन जब उसे हरा/नीला कैंडल बना हुआ दिखेगा. मतलब की P1 मंगलवार को तो रिस्क से बचने बाला ट्रेडर अपना सौदा बृहस्पतिवार के दिन P2 को करेगा

मल्टीप्ल कैंडल में हमेशा एक बात याद रखे की आपको मल्टीप्ल कैंडलस्टिक पैटर्न को पूरा बनने देना है इसके बाद में सौदा करे.

  1. आपका stoploss P1 और P2 के बीचका सबसे निचा low होगा.
Engulfing Candlestick Pattern In Hindi
Engulfing Candlestick Pattern In Hindi

P1 कैंडल को P2 सिर्फ रियल बॉडी को पूरी तरह से ढकना चाहिए और साथ में upper और lower शैडो को भी अच्छी तरह से ढकना चाहिय. यदि ऐसा हुआ तो उसे हम bullish Engulfing pattern कहते है. इस बात को सायद कुछ लोग ना माने. सबसे जरुरी बात यह है की आप अपनी कुशलता को कैसे बढ़ाते है और किस तरह से कैंडलस्टिक पैटर्न से अच्छा ट्रेड कर पाते है. आपको निचे एक चार्ट दिया गया है उसमे आपको bullish Engulfing pattern बना हुआ है.

Engulfing Candlestick Pattern In Hindi
Engulfing Candlestick Pattern In Hindi

इन्हें भी पढ़े –

WikiPedia- Engulfing Candlestick Pattern In Hindi

Engulfing Candlestick Pattern में किन बातों का ध्यान रखना चाहिये?

यदि आप लोग Engulfing Candlestick Pattern के जरिये शेयर खरीदना चाहते है तो उसके लिए कई बातों के ध्यान रखना होता है. मैंने इसके बारे में अपने लेख में पूरी जानकारी दी है जिसे आपको पढ़ने के बाद कोई समस्या नहीं होगी.

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